Monday, April 16, 2007

मौसम

गुज़र चुके हैं वो मौसम

जब पतझड़ में मेरे मन में सतरंगी फूल खिला करते थे,
जब सावन के झूले हँस हँस कर मेरा नाम लिया करते थे,
जब अलसाई धूप के साए में दिल को ठंडक मिल जाती थी,
जब ठंडी हवा की एक छुअन मुझको गरमी दे जाती थी...

जब ख़ुशी की छोटी वजह ढूँढ कर खुद ही खुश हो लेता था,
फिर किसी और का गम देख मासूमियत में रो लेता था,
छोटे बच्चे की उंगली पर संसार दिखायी देता था,
भैय्या के झगडे में भी उनका प्यार दिखायी देता था...

वो दादा का समझाना, बच्चे, जिस दिन तू उठ खड़ा होगा,
मुझे है यकीन, तेरे ही लिए सारा आकाश पड़ा होगा,
वो माँ का चिन्ता में कहना, भोले बच्चे का क्या होगा,
बीमारी में पापा का डर, कि कोई नज़र लगा गया होगा...

एक दोस्त भी थी, सिर गोद में रख के दर्द भुलाया करती थी,
चिन्ता में रहूँ तो बालों में उंगली भी फिराया करती थी,
उस दोस्त से मेरा ये कहना, तू यार कहीँ खो जायेगी,
आज है छोटी, छोटी रह, कल तो तू बड़ी हो जायेगी...

वो दोस्त भी खोया, प्यार भी खोया, सहना भी मज़बूरी है,
भाई है काम में लगा हुआ, माँ-बाप से भी एक दूरी है,
उस वक्त के हर एक पल को छोड़ कर मैं आगे चल पड़ा हूँ,
कल जो चाहत थी आज है डर, कि शायद अब मैं बड़ा हूँ...

आज कि जब क़द में ही नहीं, उम्र में भी बढ चूका हूँ,
कुछ सीढियाँ चढ़नी बाक़ी हैं, कुछ ऐसी हैं जो चढ़ चूका हूँ,
तब लगता है कि काश मैं उस पल में एक जगह बना लेता,
पाने को बहुत कुछ खोया है, जो कुछ खोया है पा लेता...

क्योंकि ऐसा होने के लिए हर गम को पीना पड़ता है,
कभी रो दो तो भी खुद हँस कर किस तरह से जीना पड़ता है,
हर किसी कि बात भी सुननी है, हर चाक--जिगर भी सीना है,
मरने कि वजह नहीं है पर ये जीना भी कोई जीना है?

कहने वाले तो कहते हैं, अब मुझमे वोह जज्बात नहीं,
दीदी भी हँस के कहती है, "तेरी हंसी में अब वो बात नहीं",
सच तो ये है कि कभी कभी जीना बेमानी लगता है,
पानी कि तरह बहे आंसू, अब आंसू भी पानी लगता है...

यारों का साथ ही है अब बस जो आस जगाये रखता है,
मेरे खाली मन में जीने की प्यास जगाये रखता है,
उनसे मिल कर मेरे चहरे पर एक ख़ुशी छा जाती है,
उनके सीने से लगकर दिल को भी ठंडक मिल जाती है...

यूं तो हर दिन मुश्किल है पर मुश्किल पर अब काबू है,
मैं हँसता हूँ तो इसमे भी सबके ही प्यार का जादू है,
अब हर पल आगे बढ़ना है, जो ज़ख्म हैं उनको सीना है,
रो-रो के बहुत मरा कुछ दिन, अब हर पल हँस के जीना है...

3 comments:

HellFragger said...

AWESOME hai ye Mausam

Unknown said...

You are great bhai!

tulip.. said...

AS USUAL GRT WORK DEAR...! MUST SAY U KNOW TO PLAY WIT WORDS EXCELLENTLY!!!!!