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Written after listening to a friend's feelings for a girl.
वो लड़की जब अपने हाथों की मेहँदी को दिखलाती है
वो हंसी जो उसके होंठों से आंखों तक फैली जाती है
और चेहरे पे उसके आती है हया की सुर्खी सी रंगत
तब मैं मन में अपनी किस्मत से शिकवे कराने लगता हूँ
जब वो लड़ती है और मेरे रुकने की जिद कर जाती है
और फिर मुझको बेचैन देख कर मन ही मन मुस्काती है
फिर दांतों के कोने से जब आँचल को सीने लगती है
उसका ये रूप न जाने क्यों आंखों में भरने लगता हूँ
यूँ तो भोली है, पगली है, सीधी और अनजान है वो,
ऐसे में पर लगता है क्यों की शायद मेरी जान है वो
उसकी मेहँदी में क्यों अपना ही नाम दिखाई देता है
क्यों उसकी हर एक बात को ही मैं प्यार समझने लगता हूँ
क्या बात है दिल में क्या जानूँ, क्यों सोच में पड़ने लगता हूँ
अब तो अक्सर उस से क्या, अपने आप से डरने लगता हूँ
अब जब चुभती है बात वही, या दर्द से मरने लगता हूँ
तब चाँद से बातें करता हूँ और रात से लड़ने लगता हूँ
तब चाँद से बातें करता हूँ और रात से लड़ने लगता हूँ
Written after listening to a friend's feelings for a girl.
वो लड़की जब अपने हाथों की मेहँदी को दिखलाती है
वो हंसी जो उसके होंठों से आंखों तक फैली जाती है
और चेहरे पे उसके आती है हया की सुर्खी सी रंगत
तब मैं मन में अपनी किस्मत से शिकवे कराने लगता हूँ
जब वो लड़ती है और मेरे रुकने की जिद कर जाती है
और फिर मुझको बेचैन देख कर मन ही मन मुस्काती है
फिर दांतों के कोने से जब आँचल को सीने लगती है
उसका ये रूप न जाने क्यों आंखों में भरने लगता हूँ
यूँ तो भोली है, पगली है, सीधी और अनजान है वो,
ऐसे में पर लगता है क्यों की शायद मेरी जान है वो
उसकी मेहँदी में क्यों अपना ही नाम दिखाई देता है
क्यों उसकी हर एक बात को ही मैं प्यार समझने लगता हूँ
क्या बात है दिल में क्या जानूँ, क्यों सोच में पड़ने लगता हूँ
अब तो अक्सर उस से क्या, अपने आप से डरने लगता हूँ
अब जब चुभती है बात वही, या दर्द से मरने लगता हूँ
तब चाँद से बातें करता हूँ और रात से लड़ने लगता हूँ
तब चाँद से बातें करता हूँ और रात से लड़ने लगता हूँ
5 comments:
As the name suggests, you hav to be mad to write thise one.
Mad in a sense where it becomes much more beautiful then the word itself. This is a piece of great poetry..where were you dude [I read kela waise :P ].
Keep it up, humara hindi kavita se aap akhiri connection hain, n i m seriously enjoying it!!
cheerz
LA
poem was good...cudn't appreciate the theme (blame my dumb n numb mind for it) but the flow was b'ful
n kindly use more of hindi words, it makes it all the more b'ful :)
Got connected to the theme of the poem, and could appreciate the love in the eyes of the narrator. So sweet a creation...
Would love to hear more from you in hindi.
Lovely!
..and I thought that guys hardly ever get serious for girls,but your poem seems to suggest that they do!Did yourfrnd propose that girl?
n btw..thanks for stopping by:)
ye right..we hav no other mode to communicate as of now..
n cool yaar..it feels gr8 when u see such love stories succeeding!
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